Sunday, October 14, 2012

वह चर्चित अन्धेरा चरागों तले

"वह चर्चित अन्धेरा चरागों तले,
चांदनी में नहाया फिर चुप हो गया.
ख्वाब जो तेरी खाली सी आँखों में था,
इस शहर में था आया फिर गुम हो गया."
----राजीव चतुर्वेदी

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