"लिव इन रिलेशनशिप पर वीभत्स सी बहस चल पडी है
...Live in Relationship Vs. Dye in Relationship . Live in Relationship
की परिणिति पुरुषों के लिए छिनरफंद की आज़ादी और महिलाओं का Sexual
Apparatus में बदल जाना ही है और जब महिला मनुष्य नहीं महज Sexual
Apparatus हो जायेगी तो उसका यानी मशीन का Depreciation यानी अवमूल्यन तो
होगा ही . यही नहीं हम कालान्तर में बेटी /बहन /माँ /भाभी जैसे एक महिला के
बहुरंगी रिश्ते भी खो देंगे ...एक दिन वह भी आयेगा जब Charted Plane
/Charted Taxi की ही तरह Charted Sexual Apparatus होंगे . Animal Sex का
दौर शुरू होगा ...महिला और पुरुष जब तक Sexual Apparatus की कार्यकुशल मशीन
होंगे तभी तक अर्थ रखेंगे वरना व्यर्थ हो जायेंगे ...चूंकि धन पर अभी
पुरुष आधिपत्य है अतः प्रौढ़ /बूढ़ी महिलायें वक्त के कूड़ेदान में डाल दी
जायेंगी ...स्त्री का सामाजिक/ आर्थिक अवमूल्यन होगा जिसमें 40 वर्ष से ऊपर
की महिला घटी दर पर, 50 वर्ष के ऊपर की महिला फटी दर पर और 60 साल के ऊपर की महिला दरबदर हो कर दर -दर की ठोकर खायेगी ...जवान
महिला अगर बीमार हुयी तो लाबारिश हो जायेगी ...बृद्धाअवस्था आश्रमों में
भीड़ लग जायेगी ...परिवार संस्थाएं टूट जायेंगी ...वैश्यालय का कुटीर उद्योग
है Live in Relationship ." -----राजीव चतुर्वेदी
Friday, May 3, 2013
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