Monday, April 22, 2013

तुम कविता में तुकबन्दी के माहिर हो

"तुम कविता में तुकबन्दी के माहिर हो ,
मैं तीखे तर्कों से पैगाम दिया करता हूँ
तुम इष्ट साधना को अभीष्ट समझे हो
मैं विवश वेदना को आकार दिया करता हूँ .
"
----राजीव चतुर्वेदी

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