Impleadment
This is the assertion of anyone's right to be heard...
Monday, April 22, 2013
समय का बहाव है
"
समय का बहाव है इस दौर में इतना ही तेज ,
जो जहाँ डूबता है उसका शव वहाँ नहीं मिलता .
"
----राजीव चतुर्वेदी
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क्रान्ति का तेरा करिश्मा झूठ का सारांश था
चीख तिरष्कृतों का सर्वश्रेष्ठ साहित्य है
मेरे लेखन का मूल्यांकन साहित्य अकादमी नहीं सिसमोग्...
कहाँ गए कामोद्दीपन करने वाले कमीने ?
आखिर "नेता" की परिभाषा क्या है ?
मैं अंगारे सिरहाने रख कर सोया था
तुम कविता में तुकबन्दी के माहिर हो
समय का बहाव है
कब्रिस्तान में...
देश जब जलता हो तो सपने नहीं सदमें ही आते हैं
अब ज़मीर स्मरण की नहीं संस्मरण की चीज है
बंद लिफ़ाफ़े में खुले ख्वाब कोई छोड़ गया
धर्म को राजनीति का उपकरण बनाने की विभीषिका
परिदृश्यों के बीच गुजरती एक परी सी शब्दों की ---वह...
कुत्तों से करुणा की बातें क्या करना ?
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