Friday, August 9, 2013

जिस दिन चार्ली चैपलिन को देख कर तुम हँसे थे


" जिस दिन चार्ली चैपलिन को देख कर तुम हँसे थे
मेरी नज़र से गिर गए थे
वह फुटपाथ पर लावारिश नवजात शिशु था
तुम उस पर हँसे थे
वह अनाथालय में पला बड़ा एक कमजोर कुपोषित बच्चा था
तुम उस पर हँसे थे
उसके पैरों में पोलियो हो गया था
तुम उसकी चाल देख कर हँसे थे 
तुमने कभी उसकी कविता पढी ?....पढ़ना
" One murder makes a villain
Hundred a hero
Numbers sanctify." --- Charlie Chaplin 
यानी  --" एक हत्या खलनायक बनाती है
और अनेक हत्याएं नायक
यह संख्या है जो आचरण को पवित्र करती है ."
यह  गंभीर बात है चार्ली चैपलिन की तरह
किन्तु तुम्हें सदैव उसमें एक जोकर दिखाई दिया
शायद तुम्हारा असली प्रतिविम्ब
जिसकी अब तक तुम शिनाख्त नहीं कर सके
कुछ लोग गंभीर चीजों को मजाक में लेते है
और मजाक को गंभीरता में
सच की शहादत में चार्ली चैपलिन मर चुका है
तुम्हारी आदत में ज़िंदा है
तभी तो तुम हँस रहे हो
क्योंकि दरअसल रोना चाहते हो .
" ---- राजीव चतुर्वेदी     

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