"वह चर्चित अन्धेरा चरागों तले,
चांदनी में नहाया फिर चुप हो गया.
ख्वाब जो तेरी खाली सी आँखों में था,
इस शहर में था आया फिर गुम हो गया." ----राजीव चतुर्वेदी
चांदनी में नहाया फिर चुप हो गया.
ख्वाब जो तेरी खाली सी आँखों में था,
इस शहर में था आया फिर गुम हो गया." ----राजीव चतुर्वेदी
No comments:
Post a Comment