Sunday, November 11, 2012

धन्य त्रियोदसी


"!! धन्यवाद ज्ञापन ही "धन्य त्रियोदसी" यानी कि धनतेरस का उद्देश्य है. आज के दिन ही एक लम्बे निर्वासन के बाद भगवान् राम जो नैतिकता / मर्यादा के प्रतीक माने जाते हैं अपने स्थान पर वापस आये थे. इसे प्रतीकात्मक रूप से बोला जाए तो today after a long exile virtues ( नैतिकता / मर्यादा ) returned home. This story relates to Ram's exile and his return to Ayodhya. इस धन्यभाव के  "धन्य" का अपभ्रंश हो कर "धन" होगया . अब धन प्रधान समाज में धनतेरस है. सरकारी दफ्तरों मैं , अदालत के पेशकारों मैं , सत्ता के दलालों मैं , साहूकारों की गद्दी पर धनतेरस है और असली भारत धन को तरस रहा है उसकी "धन तरस" है . !!---- धन्य त्रियोदसी की शुभ और मंगल कामना।" --- राजीव चतुर्वेदी

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