"सिख यानी कि सरदार जांबाज मेहनत कर अपना भाग्य
खुद बदलने वाले स्वाभमानी लोगों का पंथ है ...मुगलों के दौर में यह उनसे
संघर्ष करते रहे जिसमें इनकी कुर्बानी के अंतहीन किस्से हैं ...अंग्रेजों
के दौर में यह आज़ादी की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर जूझे ...यह दुनिया
में कई जगह ताकतवर स्थिति में हैं और देश का नाम ऊंचा कर रहे है
...अंग्रेजों ने सुनियोजित तरीके से इनको उपहास का विषय बनाया ...इन पर
चुटकुलों का प्रचलन हुआ जो आज भी जारी है ...सिख अल्प संख्यक समुदाय है
वैसे ही जैसे मुसलमान ...अल्पसंख्यक तो यह मुसलमानों से भी ज्यादा हैं पर
भारत को अपना समझते हैं ...भारत के लिए जान देते हैं और बदले में कुछ भी
नहीं चाहते फिर भी हम इस महान सम्प्रदाय को निशाने पर ले कर चुटकुले गढ़ते
हैं इनकी मजाक बनाते हैं क्योंकि यह सहिष्णु है ...चुटकुले हिन्दूओं को ले
कर क्यों नहीं ? चुटकुले मुसलमानों को ले कर क्यों नहीं ?--क्योंकि वह
असहिष्णु हैं ? जैनियों पारसीयों को ले कर क्यों नहीं ? ----कृपया इस महान
पंथ को याद करे ...गुरु तेग बहादुर ...गुरु गोविन्द सिंह ...भगत सिंह
...ऊधम सिंह जैसे महान सपूतों के सम्प्रदाय की मजाक न बनाएं--- यह आईना
दिखाता अनुरोध है !!" --- राजीव चतुर्वेदी
Tuesday, November 27, 2012
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