This is the assertion of anyone's right to be heard...
Monday, June 25, 2012
देह तो दहलीज है रूहों के सफ़र की यारो
"भीगती देह जज्वात सुलगते हों जहां, प्यार निगाहों मैं तैरता आँखों में डूब जाता है. देह पर प्यार से अब रूह का उनवान लिखो, प्यार के वार से पत्थर भी टूट जाता है. देह तो दहलीज है रूहों के सफ़र की यारो, हमसफ़र किसको कहें ?-- कुछ दूर चले फिर साथ छूट जाता है." ---राजीव चतुर्वेदी
वाह वाह वाह......"देह तो दहलीज है रूहों के सफर की यारो" वाकई बड़े गज़ब का लिखते हो आप..मैने आज आपकी प्रोफाइल में देखा कि,मै आपसे उम्र में भी छोटा हूँ...और सच बताऊँ ये जान कर मै बहुत आनंदित हुआ हूँ...
1 comment:
वाह वाह वाह......"देह तो दहलीज है रूहों के सफर की यारो" वाकई बड़े गज़ब का लिखते हो आप..मैने आज आपकी प्रोफाइल में देखा कि,मै आपसे उम्र में भी छोटा हूँ...और सच बताऊँ ये जान कर मै बहुत आनंदित हुआ हूँ...
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