This is the assertion of anyone's right to be heard...
Sunday, June 24, 2012
"सचिवालय की फाइलें सबसे ज्यादा ज्वलनशील हैं ...महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली का नोर्थ ब्लोक ...लगता है इस देश में घोटालों की होली प्रहलाद को साथ लेकर ही जलने पर आमादा है. राष्ट्रपति बन्ने के पहले आखिर प्रणव मुखर्जी को भी काफी फाइलें निपटाना थीं सो निपट गयीं. इस देश में सीता और सत्य अग्नि परिक्षा देते हुए ही चुक जाते हैं." ----राजीव चतुर्वेदी
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