"हम अगर अरब जायेंगे
तो अल्लाह का एहतराम करेंगे
तुम भारत में रहो तो हमसे राम -राम कहना
बाकी न अल्लाह का है न राम का है
यहाँ जो भी बना है हमारे काम का है
यह सड़क
यह स्कूल , यह इमारत , यह इबारत
यह संसद , यह पुल ,यह अदालत
यह दूर तलक उड़ते जहाज
बैंक, दफ्तर, अस्पताल ,
यहाँ जो भी बना है हमारे काम का है
न अल्लाह का है न राम का है
यह तो इस देश के आवाम का है
मजहब से कहो अपनी हदों में रहे
अगर किसी और देश में बसती है तेरी बेचैनी
तो उससे कह दो कि अपनी सरहद में रहे
हम अगर अरब जायेंगे
तो अल्लाह का एहतराम करेंगे
तुम भारत में रहो तो हमसे राम -राम कहना
बाकी न अल्लाह का है न राम का है
यह तो इस देश के आवाम का है ." ----- राजीव चतुर्वेदी
तो अल्लाह का एहतराम करेंगे
तुम भारत में रहो तो हमसे राम -राम कहना
बाकी न अल्लाह का है न राम का है
यहाँ जो भी बना है हमारे काम का है
यह सड़क
यह स्कूल , यह इमारत , यह इबारत
यह संसद , यह पुल ,यह अदालत
यह दूर तलक उड़ते जहाज
बैंक, दफ्तर, अस्पताल ,
यहाँ जो भी बना है हमारे काम का है
न अल्लाह का है न राम का है
यह तो इस देश के आवाम का है
मजहब से कहो अपनी हदों में रहे
अगर किसी और देश में बसती है तेरी बेचैनी
तो उससे कह दो कि अपनी सरहद में रहे
हम अगर अरब जायेंगे
तो अल्लाह का एहतराम करेंगे
तुम भारत में रहो तो हमसे राम -राम कहना
बाकी न अल्लाह का है न राम का है
यह तो इस देश के आवाम का है ." ----- राजीव चतुर्वेदी
1 comment:
sundar post :)
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