This is the assertion of anyone's right to be heard...
Wednesday, February 29, 2012
ईसा तुम मत आना मेरे द्वार
"ईसा तुम मत आना मेरे द्वार, हम ही हैं जो तुझको चढाते हैं सूली पर साल दर साल पर अभी तक तुझको सूली से उतारते किसी को नहीं देखा और तू क्या है ? तेरे अनुयाईयो ने तो पूरी दुनिया को सूली पर चढा रखा है."----राजीव चतुर्वेदी
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