Wednesday, February 29, 2012

इन खिडकीयों की चीख ने चौंका दिया मुझे

"इन खिडकीयों की चीख ने चौंका दिया मुझे,
एक शाम और क़त्ल हुई तेरे इंतज़ार में ."
------राजीव चतुर्वेदी 

1 comment:

रश्मि प्रभा... said...

कब तक ये चीखें