"जिन्दगी के इस सफ़र को रंग रोचक तो बनाता है
साधकों की साधना का केन्द्र
बच्चों की किलकारी और पिचकारी पूछो
प्यार की बस्ती का रास्ता
होलिका की आग से रोशन हो रंग और राग तक जाता है." ---- राजीव चतुर्वेदी
" साजिशें लगाती जिस शहर में हों गुलाल ,.
उस शहर का नागरिक होने का मलाल है.
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उनके दिल काले और हाथों में गुलाल है,
यह हादसा देख कर मुझको मलाल है.
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ये बाज़ार के रंग तो दो दिन का तमासा हैं,
मेरे दिल पर रंग अपना चढाओ तो कोई बात बने.
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दिल है बदरंग, दिमाग है तंग पर हाथ मै है रंग,
इन रंगरेजों के रिश्ते रूहानी नहीं जिस्मानी हैं .
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सुबह रंग डालो शाम को गले मिलो,
पीठ में छुरा कल भोंक लेना .
अगर इससे खुश हो तो बधाई तुम्हें,
वरना पश्चाताप के आंसू पोंछ लेना. "
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दिल है बदरंग, दिमाग है तंग पर हाथ मै है रंग,
इन रंगरेजों के रिश्ते रूहानी नहीं जिस्मानी हैं .
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सुबह रंग डालो शाम को गले मिलो,
पीठ में छुरा कल भोंक लेना .
अगर इससे खुश हो तो बधाई तुम्हें,
वरना पश्चाताप के आंसू पोंछ लेना. "
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