Wednesday, March 28, 2012

मेरे जिस्म को मत देख जख्मों का जखीरा है यहाँ

"मेरे जिस्म को मत देख जख्मों का जखीरा है यहाँ,
मेरी हंसी में सिमटी है रिश्तों की हकीकत सारी ."--- राजीव चतुर्वेदी

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