Thursday, July 26, 2012

यम तू जानता है ये धरती है भारत की


" मैं थक गया हूँ चलते -चलते,...कल चलूँगा
यम तू जानता है ये धरती है भारत की
यहाँ दिल असली और बिल फर्जी होते हैं
तू भी बनाले फर्जी बिल किसी महगे से होटल का
और यह जो भैसा है तेरा सरकारी सी सवारी इसमें घूस का पेट्रोल भर
तू यम है घूसखोर सरकारी कर्मचारी सी सूरत है  तेरी
सब जानते हैं यम को गम नहीं होता
ये सरकारी अमीन और कमीन सभी उसके ही वंशज हैं
मिलाओ शक्ल उनसे मिलती नहीं होगी
यह सरकारी मुलाजिम हैं इनकी बीबीयों के काम नौकर ही तो करते हैं." ----राजीव चतुर्वेदी 

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