Wednesday, April 18, 2012

आओ कुछ अच्छा लिखें

"आओ कुछ अच्छा लिखें
राष्ट्रपति पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
इन्द्र गांधी की रसोइया का राष्ट्रपति बन जाना उनके लिए गर्व की बात है
प्रधानमंत्री पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
हालांकि उन्हें देश की जनता ने कभी नहीं चुना किन्तु वह प्रधानमंत्री हैं
सोनिया पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि वह देश राजनीति से नहीं देह राजनीति के रास्ते यहाँ तक पहुँची हैं
राहुल गांधी हों या महाजन पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
अर्थ नीति पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि हमारी अर्थ व्यवस्था की अर्थी ही निकल गयी है
राजनीति पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि राजनीति हो ही नहीं रही है बस दुकाने चल रही हैं और गिरोह पल रहे हैं
खेल नीति पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि कलमाडी लम्बी जेल यात्रा के बाद स्वदेश रवाना हुए हैं और बढेरा को किसी ने घेरा नहीं है
क़ानून व्यवस्था पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि घूस तो पेशकार लेता है, पहुँचती कहाँ तक है क्या बताएं
पुलिस पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
मायाबती/ मुलायम/ करूणानिधि/ यदुरप्पा /कल्माणी / कनीमोझी पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
"शीला" कहो तो "शीला की जवानी" याद आती है दिल्ली की मुख्यमंत्री नहीं
रोबर्ट्स बढेरा हों या चटवाल सभी हैं मालामाल पर देश हो रहा है कंगाल उस पर अच्छा नहीं लिखा जा सकता
कोंग्रेस /भाजपा /माकपा पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
अपने और पराये काले धन का अनुलोम विलोम करते स्वामी रामदेव पर भी अब अच्छा लिखने का मन नहीं करता
अपने गुरु की रहस्यमय ह्त्या का राज्याभिषेक रामदेवनुमा राजनीति को रोमांचित करता है
जनता यानी कि हमारे आपके चितकबरे चरित्र पर भी अच्छा नहीं लिखा जा सकता
NGO के टेस्ट ट्यूब बेबी अग्निवेश,संदीप पाण्डेय,तीस्ता सीतलवाद,किरण बेदी, केजरीवाल, शबाना आजमी , महेश भट्ट
अनुदानों के कीचड़ में किलोलें कर रहे हैं, इन पर भी अच्छा नहीं लिखा जा सकता
अन्ना का पन्ना अभी लिखा जाना शेष है
आसान किश्तों में जेल जा रहे और जनता से जूते थप्पड़ खा रहे
मनमोहन मंत्रिमंडल के बारे में भी कुछ अच्छा नहीं लिखा जा सकता
आतंकवाद में शामिल मौलवियों के बारे में भी अच्छा नहीं लिखा जा सकता
और यौनशोषण के आरोपों में लिप्त महंतों और पादरियों के बारे में भी अच्छा नहीं लिखा जा सकता
क्रिकेट पर दाउद की दया है, उसका हर मैच फिक्स है बाकी खेल दयनीय से हैं उनकी दशा पर अच्छा नहीं लिखा जा सकता
इसी लिए आज छुट्टी
आज कुछ नहीं लिखूंगा. " -- राजीव चतुर्वेदी





"गिरे हुए लोग उठते हैं बड़ी खूबी से ,
और हम भी हैं कि चुनते हैं उन्हें बेवकूफी से."

---राजीव चतुर्वेदी

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